Sunday, June 29, 2014

sex on the night

बात तब की जब मैं बीकॉम सेकंड कर रहा था। इसी क्लास हमारे इंस्टिट्यूट में जगदलपुर  से एक लड़की ट्रांसफ़र हुई थी उसका नाम कामनी रॉय था। वो काफ़ी सुंदर और  फ़ीगर एक दम मस्त था ३६ २३ ३२ का। और वो एक दम गोरी चिट्टी लड़की थी। मेरा तो मन उसे देखते ही पागल हो गया कि साली को अभी पकड़कर चोद डालो . मैने उस से केन्टीन में मौका
पाकर बात शुरु कर दी । मैने पूछा की आप का नाम क्या है। बोली कामनी।में भी बचपन में जगदलपुर में रहता था तो वहां की बात करते हुए फ्रेंड शिप का ऑफर दे दिया जिसे उसने स्वीकार कर लिया   उसका परिवार में उसका छोटा भाई था जो दसवी क्लास में था उसके पापा रेल रेलवे में थे । ऐसे ही केन्टीन और क्लास में आते जाते हम काफ़ी नजदीक आ चुके थे।और फिर  मौका देख कर मैने उसे पर्पोस कर दिया। और उसने भी हामी भर ली। अब हम दोनों के बीच चूमाचाटी शरू हो चुकी थी अब हम सिर्फ मोके की तलाश में थे फ़िर एक दिन उसके पापा की नाईट ड्यूटीथी और उसकी माँ नाना के घर गई हुई थी .इस लिये कामनी ने मुझे मोबाइल में बात करके बुला लिया मैं उसके घर गया और देखा कि वो सिर्फ़ एक पतली टीशर्ट जिसके अन्दर कुछ भी नहीं पहना था क्योंकि उसके बूब्स के निप्पल टीशर्ट में उभार में दिखाई दे रहे थे। हम दोनों ने घर आराम से खाना खाया फिर में उसी के कमरे में लगे टीवी में ब्लू फिल्म चल दी जैसे ही फिल्म में किस सीन आने लगे मेने कामनी अपने बाहों में ले लिया। और उसके होंठों पर किस करने लगा। मैने उसे चूमते हुए कामनी के गाल कान होट कोई जगह ही नहीं छोड़ी बाद में  मैने अपनी जीभ उसके मुंह में डाल दी, उसने भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी, हम दोनों को बहुत अच्छा लग रहा था, फिर मैं उसके बूब्स को धीरे-धीरे सहलाने दबाने लगा, अब कामनी ने  मेरे सिर को अपने ब्रेस्ट में दबा लिया। अपने गालों पर उसके उरोजों के नरम, गर्म एहसास मुझे पागल बना रहा था  फिर कामनी ने अपने हाथ से टीशर्ट उतार लिया और अपने बूब्स  को पकड़ कर उसके चुचुक को मेरे मुँह में लगा  दिया। मैं भी मस्त होकर उसे जीभ से सहलाने लगा। एक चुचुक को मुँह से और दूसरे चुचुक को मैंने अपने हाथों से सहलाने लगा। कामनी भी आनंद से सराबोर हो रही थी।

मैने उसके टी - शर्ट और जींस उतार दिये और अब वो मेरे सामने पैंटी थी मैने उसे बेड पर लिटा दिया और उसे फिर से चूमना शुरु किया वो भी मेरा साथ दे रही थी और बीच-बीच में वो सिसकारिया भी ले रही थी, मैने एक हाथ से धीरे-धीरे ब्लू पैंटी भी उतार दी और फिर मेने अपने कपडे उतार दिए और में भी नंगा हो गया कामनी ने मेरा लंड पकड़कर मुह में लिया और चूसने लगी मुझे बहुत ही आनन्द आ रहा था में उसकी जाँघों पर हाथ फिराने लगा। वो मछली की तरह छटपटाने लगी। और जैसे ही मेरा हाथ उसके योनि पर पर गया हाथ में पूरा पानी लग गया, वो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। अब मेने उसके मुह से लंड को निकालकर योनी के ऊपर फिरने लगा  अब कामनी पूरी तरह  उत्तेजित हो चुकी थी लेकिन उसने मेरा  लंड देखा तो वो घबरा गई और बोली कि प्लीज धीरे से लंड डालना मैने सुना है दर्द होता है। फिर मैने कहा कि कामनी चिंता मत करो येसा डालुगा की दर्द का अहसास बहुत ही कम होगा और मैने उसके कंधों को अपने हाथों से कस कर पकड़ लिया और उसकी टाँगे अपने कंधो पर रख ली और अपना लंड उसकी चूत मे सरकाने लगा। अभी सिर्फ़ थोड़ा सा धक्का दिया था  कि वो जोर से चिल्लाई और फीछे हटने की कोशिश की मगर मैने भी उसे पूरे जोर से पकड़ रखा था। अब तो मेने देर न करते हुए फिर एक और झटके से मैने अपना लंड उसकी योनी में डाल दिया। वो बोली  प्लस छोड़ो मुझे । मैने उसे फिर एक झटका दिया और अब मेरा पूरा लंड उसकी योनी के झिल्ली को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया कामनी के मुंह से तेज आवाज निकल रही थी। लेकिन थोड़ी देर में दर्द कम होने पर उसे मजा आने लगा। अब मेरे हर धक्के में उसकी योनी से फच-फच की आवाज आ रही थी। क्योंकि चूत पहिल्रे भी गीली थी और कामनी भी मेरे हर धक्के का जवाब अपने धक्के से दे रही थी। हम दोनों ही इन धक्को में आनन्द के शिखर पर विचरण कर रहे थे।अब मेने पूरी गति से धक्का देना शरू किया और थोड़ी देर में कामनी की चूत से पानी निकल गया उसने मुझे जोर से जकड लिया वो पूरी तरह स्खलित हो गयी अब मैं और दनादन धक्के मारने लगा और कुछ पांच मिनिट के धक्कों के बाद मेरी वीर्य  छूट गया । आठ-दस पिचकारी के बाद मैं भी निढाल होकर कामनी  के शरीर पर ही लेट गया। अब में और कामनी दोनों ही बेसुध बिस्तर पड़े रहे फिर मे आधा घंटा बाद उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा कामनी तो निठाल हो गयी थी में मेने उसकी गांड को उगली से छेड़ने लगा अब कामनी चिहुक पड़ी बोली चूत दी गांड नहीं दूंगी मेने उसे समझाया गांड मराने में तुम्हे और भी मज़ा आएगा वो नहीं मानी लेकिन में धीरे धीरे उसकी गांड में और चूत में सहलाता हुआ उसे गरम करता रहा आखिर में धीरे से बोली अगर दर्द ज्यादा हुआ तो मेने कहा अगर तुम्हे लगता तो कुछ नहीं करूँगा. अच्छा कर लों कहकर और कामनी पेट के बल लेट कर अपनी ताने फ़ैला ली. और मेने तुरंत वेसलीन लाके अपने तने लंड और उसकी गांड में लगाई और फिर उसकी कमर को जकड़ा साथ ही अपने लंड को गांड में फिराते हुए जोर से धक्का मारा कामनी के मुह से चीख निकल गयी उसने उठना चाहा लेकिन में पहिले ही तैयार था पूरा जोर लगाकर धक्का मारा अब मेरा लंड उसकी गांड को छीलता हुआ अन्दर घुस गया. उसकी गांड बहुत कसी थी कामनी को रोंना आ गया. मुझे पता था अब नहीं तो कभी नहीं. में उसे हिलने नहीं दे रहा था. वो कसमसाये जा रही थी थोड़ी देर तक में उसकी गांड में लंड डाले रहा. फिर जब लगा उसका दर्द कम हुआ तो लंड आगे पीछे करने लगा उसे दर्द के साथ सुकून मिलना शुरू हो गया था. धीरे धीरे में धक्का बढाता गया. उसे मज़ा  आने लगा. और जोर से सिस्कारिया भरने लगी. और करो गांड फाड़ दो मेरी जानउह्ह आह्ह आज मज़ा आ गया और उसकी सिसकारी को सुनकर पूरी रफ़्तार में आ गया. करीब बीस मिनिट के बाद मेरा लंड एक झटके के साथ वीर्यपात करने लगा. और में कामनी के गांड को अपने पानी से नहला दिया. और फिर जब लंड निकाला तो देखा मेरा लंड और उसकी गांड छील चुकी है. हमने बाथरूम में जाकर धोया फिर  और हम दोनों वही बिस्तर पर  पड़े रहे उसके बाद करीब सुबह चार बजे कपडे पहनकर उसके घर से वापस आया....  

1 comments:

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