बात उस समय कि है जब में जबलपुर में पढ़ता था.उस समय मेरी गर्लफ्रेंड मानसी मेरे साथ इटारसी से मेरे साथ जबलपुर आ रही थी लेकिन जबलपुर पहुँचने में ट्रेन लेट हो चुकी थी रात के ग्यारह बज चुके थे और हमें करमेता जाना था स्टेशन के बाहर एक बस बड़ी मुश्किल से आधा घंटे के बाद मिली समय गुजरता जा रहा था और बस में भीड़ बढ़ती ही जा रही थी, जिससे
मेरे सामने मानसी खड़ी थी, जिससे उसके चूतड़ मेरे लंड से बीच-बीच में चिपक जाती थी। अचानक एकदम से ड्राइवर ने बस के ब्रेक लगा दिए, जिससे मैं पूरी तरीके से मानसी के बदन से चिपक गया और इसका नतीजा यह हुआ कि वो और भी ज्यादा करीब आ गई। अब मेरा लंड सीधे तौर पर उसकी पिछाड़ी की दरार में लगा हुआ था।भले ही वो मेरी गर्लफ्रेंड थी, लेकिन इन्सान होने के नाते औरत का स्पर्श और वो भी गांड का स्पर्श होने से मेरा लंड धीरे-धीरे टाईट हो रहा था। अब मेरी वासना जग गई थी। मेरे दिमाग में बार-बार यही आ रहा था कि क्यों ना लंड चिपकाने का मौका मिला है तो उसका फायदा उठाया जाए। अगर मानसी को बुरा ही लगा तो बोल दूँगा कि भीड़ होने की वजह से ये सब हो गया।अब मैं जान-बूझकर अपना लंड भीड़ का सहारा लेकर मानसी की गांड से रगड़ रहा था। धीरे-धीरे मैंने लंड को अपने एक हाथ से पैन्ट के अन्दर से ही सीधा किया और मानसी के गांड को हौले-हौले धक्के मारने लगा।अब तक मानसी को पता चल गया था कि मैं उसकी गांड में अपना लंड डालना चाहता हूँ। उसने घुम कर मेरी तरफ देखा और हल्की सी ‘मुस्कान’ दी और सामने देखने लगी।मैं समझ गया था कि मानसी को भी अच्छा लग रहा है, इसलिए अब मैंने अपना एक हाथ धीरे से उसके पेट के पास लेकर गया और लोगों से निगाह बचा कर `हाथों से उसके स्तन-मर्दन करने लगा। वो भी मेरा साथ देने लग गई थी, वो अपनी गांड को मेरे लंड पर घिस रही थी।रात के 1२.30 बज गए और हम लोग करमेता पहुँच गए। वहाँ से वो स्पेशल ऑटो करके अपने तीन किमी. दूर गाँव जाने वाली थी। लेकिन मैंने उसे मना कर दिया और बोला- आज की रात यहीं पर होटल में रुक जाते हैं। मेरे पहचान वाले का यहाँ होटल है। कोई तकलीफ नहीं होगी। कल सुबह 8 बजे गाँव चली जाना।तो वो मान गई और हमने एक रूम रात भर के लिए किराये से ले लिया।हम रूम में पहुँचे और सामान रखने के बाद फ्रेश होकर वापस आ गए। उसके बाद खाना मंगाकर खाया .उसके बाद में मैंने अपना पैन्ट और शर्ट निकाल कर रख दिया।और सोफेपर बैठ कर बोला क्या ऐसे ही एक-दूसरे को देखते रहेंगे या कुछ करेंगे?
वो बोली- बस में शुरूआत तुमने ही की थी तो यहाँ भी शुरूआत करो।
इतना सुनते ही मैंने उसको अपनी बाँहों में खींच लिया और उसको होंठों को, गर्दन को चूमने लगा। जिससे उसकी दोनों चूचियाँ मेरी छाती से चिपक गई थीं।
मैंने मानसी की टीशर्ट को निकाल कर एक तरफ डाल दिया। अब उसकी दोनों बड़ी-बड़ी चूचियाँ लाल ब्रा से बाहर निकलने के लिए तैयार थीं। ब्रा का कसाव ज्यादा होने की वजह से आधे मम्मे ऊपर की तरफ से बाहर आ रहे थे।अब मैंने उसे आधा बेड पर और पैर नीचे रख के लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसलना शुरू किया। जितना जोर से उसके मम्मे दबाता, उतना ही उसे आनन्द आ रहा था। वो भी एक सेक्सी लड़की थी इसलिए वो भी मेरा लंड चड्डी में से ही आगे-पीछे कर रही थी।कुछ देर के बाद मैंने उसके पूरे कपड़े उतार दिए। अब वो पूरी तरह से एकदम नंगी थी। मैंने भी अपनी चड्डी और बनियान उतार दी। वो हाईट मेरे बराबर थी, इसीलिए मेरा और उसका मुँह, मेरा लंड उसकी चूत बराबर एक-दूसरे के सामने आ रहे थे।हम दोनों ने एक-दूसरे को बाँहों में भींच लिया और पूरे नग्न शरीर को चूमना शुरू किया। मैं होंठों को, उसकी चूचियों को अपने मुँह में लेकर चूस रहा था। वो भी अपने एक हाथ से मेरा लंड आगे-पीछे कर रही थी। बीच-बीच में मैं उसके चूचकों को अपने दातों से काट रहा था, तो उसे बहुत मजा आ रहा था।अब उसने मुझसे अपने आप को दूर कर लिया और नीचे पैरों पर बैठ गई, जिससे उसका मुँह और मेरा लंड आमने-सामने थे। अब वह मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर आगे-पीछे करने लगी।
धीरे-धीरे उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी और जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगी।, तो मैंने मानसी को अलग कर हम 69 की अवस्था में आ गए। वो मेरा लंड चूस रही थी, मैं उसकी चूत चाट रहा था।उसकी चूत चाटने की वजह से उसकी चूत भी अब गीली हो गई थी।अब मैंने मानसी को सीधा किया और अपने लंड को चूत के ऊपर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया। अब मैं जितना जोर से उसे पेल रहा था, उससे भी ज्यादा जोर से वो अपनी फुद्दी को मेरे लंड पर ऊपर-नीचे कर रही थी। साथ में जोर-जोर से उह्हह्हह सिसकारियाँ भी ले रही थी.
अब मैं भी पूरी ताक़त के साथ अपने लंड को मानसी के चूत में घुसा रहा था। वो भी अपने चूतड़ हिला-हिला कर मेरा साथ दे रही थी।मैं दोनों हाथों से उसके स्तन दबा रहा था। दस मिनट के बाद मैं पूरा पसीना-पसीना हो गया फिर भी हम दोनों झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे।मेरा 6″ का लंड फच-फच करता हुआ उसकी चूत की गहराई तक पहुँच रहा था। और थोड़ी देर के बाद वो सिसकारियाँ भरते हुए झड़ गई।आखिर में अगले पांच मिनट के बाद मैं झड़ गया उसके बाद हम रात भर नंगे ही सोए
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